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लखनऊ

BBAU में तीन दिवसीय फिल्म फेस्टिवल का आयोजन

संवाददाता:प्रदुमन कुमार

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में दिनांक
1 अगस्त को तीन दिवसीय वेटलैंड्स
फॉर लाइफ फिल्म पफेस्टिवल का उद्घाटन हुआ। इस फिल्म महोत्सव के लखनऊ संस्करण का आयोजन सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (नई दिल्ली) द्वारा बाबासाहेब भीमराव अबेडकर विश्वविद्यालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए जर्मन एजेंसी (जीआईजेड) एवं डबल्यू डबल्यू एफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 13 अगस्त तक आयोजित किया जायेगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर माननीय डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर बीबीएयू के कुलपति प्रो.एन.एम.पी. वर्मा, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मनोज सिंह, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फोरेस्ट (वाइल्ड लाइफ), श्री संजय श्रीवास्तव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के सेक्रेटरी श्री आशीष तिवारी इंडो जर्मन बायो डाइवर्सिटी प्रोग्राम के सीनियर एडवाइजर एवं प्रोग्राम मैनेजर श्री कीर्तिमान अवस्थी, सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज की डायरेक्टर जनरल डॉ. पी. एन. वसंती सव एवं श्री अरविंद विक्रम चौधरी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत बाबासाहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवंह पौधे को जल अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से माननीय अतिथियों को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र एवं वैटलैंड्स से जुडी पेटिंग देकर सम्मानित किया गया। सर्वप्रथम डॉ. पी. एन. वसंती राव ने सभी को अतिथियों के परिचय से अवगत कराया। इसके पश्चात श्री कीर्तिमान अवस्थी ने सभी को कार्यक्रम की रूपरेखा एवं बैटलैंड्स संबंधी फिल्मों की स्क्रीनिंग के उद्देश्य से अवगत कराया। मंच संचालन का कार्य श्री सब्यसाची भारती द्वारा किया गया। विश्वविद्यालय की ओर से आयोजन समिति में मीडिया एवं जनसंचार विद्यापीठ के संकायाध्यक्ष प्रो. गोपाल सिंह, पृथ्वी एवं पर्यावरण विज्ञान विद्यापीठ के संकायाध्यक्ष प्रो. राजेश कुमार, गृह विज्ञान विद्यापीठ की संकायाध्यक्ष प्रो. यू. वी. किरन, भूगर्भ विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. नरेंद्र कुमार एवं डॉ. रचना गंगवार उपस्थित रहीं।

माननीय राज्य मंत्री डॉ.अरुण कुमार सक्सेना ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि वैटलैंड्स मानवजाति के लिए आवश्यक है क्योंकि पानी मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। दूसरी और विभिन्न प्रकार की प्रवासी पक्षी के पलायन एवं कार्बन सिंक के क्षेत्र में वैटलैड्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। सरकार के साथ साथ आम जनता का भी दायित्व है कि वह वैटलेट्स संरक्षण के क्षेत्र में आगे आकर कार्य करे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन एमपी वर्मा ने चर्चा के दौरान कहा कि वैटलैंड्स का संरक्षण करके एवं उसका सदुपयोग करके कृषि से होने वाली आय को बढ़ाया जा सकता है तथा अन्य रोजगार के साधनों को विकसित किया जा सकता है। हम सभी को इस जागरूकता अभियान को एक बड़ी मुहिम बनाना होगा, जिससे इस विरासत को आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाया जा सके।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मनोज सिंह ने सभी प्रकार के मीडिया माध् यमों विशेष रूप से फिल्मों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उनका कहना था कि पर्यावरण एवं समाज से जुड़े मुद्दों पर बनी फिल्मों के माध्यम से लोगों को आसानी से जागरूक किया जा सकता है क्योंकि फिल्में लोगों तक पहुँचने का एक आसान माध्यम है। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फोरेस्ट (वाइल्ड लाइफ), श्री संजय श्रीवास्तव ने बैटलैंड्स को एक प्रकार का विशिष्ट पारिस्थितिकीय तंत्र बताया, जो कि पर्यावरण संरक्षण, जीविकोपार्जन, पृथ्वी पर उपस्थित जल चक्र, प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोत्तरी, उपयोगी वनस्पतियों एवं
औषधीय पौधों के उत्पादन में
सहायक होता है।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के सेक्रेटरी श्री आशीष तिवारी ने वैटलैट्स को आर्थिक रूप से उपयोगी होने के कारण हितधारकों के लिए भी महत्वपूर्ण बताया। साथ ही वैटलैंड्स बहुमूल्य पर्यावरणीय विशेषताओं के धनी होने के साथ- साथ समी जैविक प्राणियों के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से आवश्यक है। श्री अरविंद विक्रम चौधरी ने भारत में वैटलैंड्स से संबंधित रामसर स्थल की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही श्री कीर्तिमान अवस्थी ने वैटलैंड्स के संरक्षण एवं उससे संबंधित लघु उद्योगों में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। अंत में धन्यवाद ज्ञापन का कार्य जीआईजेड के एडवाइजर याइफाया अकोइजम ने किया।
कार्यक्रम के दौरानसेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (नई दिल्ली की डायरेक्टर जनरल डॉ. पी. एन. वसंती राव के दिशानिर्देशन में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मों की स्क्रीनिंग की गयी, जो आर्द्रभूमि, पानी और जलवायु परिवर्तन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर केंद्रित थी। साथ ही नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कार्पोरेशन फिल्म प्रोडक्शन मुंबई के सीनियर मैनेजर श्री रितेश तकसंदे के निर्देशन में इसामाजिक प्रभाव फिल्म निर्माणश् विषय पर एक त्रिदिवसीय मोजो कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। समस्त कार्यक्रम के दौरान विभिन्न संकायों के संकायाध् यक्ष, विभागाध्यक्ष भी मौजूद रहे। पत्रकारिता विभाग से ,डा.रचना गंगवार, प्रोफेसर गोपाल सिंह, प्रोफेसर गोविंद जी पांडे, डॉ.महेंद्र कुमार, डॉ.कुंनवर सुरेंद्र बहादुर, डॉ.लोकनाथ, अपने विद्यार्थियों के साथ मौजूद रहज। डिपार्मेंट आफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के ऋतुराज, अंभूज मिश्रा, यश गुप्ता, रश्मि पांडे,हिमांशु सिंह,अनुष्का पांडे, वैष्णव श्रीवास्तव, सुमंत राव,वितुल कनौजिया, वेद प्रकाश, संदीप आनंद,अंकित, सर्वेश, मेघा, आयुष दिपायन, श्रुति, रानू कुमार, सृष्टि प्रिया, निशा भास्कर,बूब्बू,रेनूका राजपूत,अखिलेश,अमृतय ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।

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