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महाराजगंज

फरेंदा एसडीएम प्रतिक्षा त्रिपाठी का हुआ ट्रांसफर, लखीमपुर-खीरी की बनी एसडीएम

जनता को खल गया एसडीएम प्रतिक्षा त्रिपाठी का तबादला, जनता के दिलों पर छोड़ी अमिट छाप

विमलेश नायक हैप्पी

महराजगंज। जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने जनपद का जब कार्यालय संभाला तो उन्होंने महराजगंज जनपद के कई एसडीएम का कार्यक्षेत्र भी बदला। इसी में एक चर्चित नाम एसडीएम प्रतिक्षा त्रिपाठी का था जिनको जिलाधिकारी ने महराजगंज से फरेंदा का कार्यभार सौंपा। कम ही समय में प्रतिक्षा त्रिपाठी ने फरेंदा क्षेत्र में लोगों के दिलो में जगह बनाने में कामयाब रही और शासन की मंशा पर खरा उतरने का पूरा प्रयास किया। प्रतिक्षा त्रिपाठी अपने कामों को लेकर हमेशा सजग और स्ट्रीक रहती थी। आम जनमानस की समस्याओं को त्वरित निस्तारण करने में माहिर थी एसडीएम प्रतिक्षा। इसी क्रम में रविवार देर रात उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 127 उपजिलाधिकारियों का तबादला किया। जिसमें फरेंदा एसडीएम प्रतिक्षा त्रिपाठी का भी नाम शामिल था। प्रतिक्षा को लखीमपुर-खीरी का उपजिलाधिकारी बनाया गया है।
प्रतिक्षा त्रिपाठी के ट्रांसफर की खबर सुनते ही क्षेत्र के लोग मायूस हो गए।

*शुरू से ही पढ़ाई में होनहार रही है प्रतिक्षा त्रिपाठी* ग्रेजुएशन टाप करने पर प्रतिक्षा त्रिपाठी को तत्कालीन राज्यपाल रामनईक ने गोल्ड मेडल से सम्मानित किया था। 2020 में इनका चयन आरएफओ के पद पर हुआ था। नौकरी करने के साथ साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी।

*2022 में बनी एसडीएम, UPPSC PCS में हासिल की 20वीं रैंक*
अपनी कड़ी मेहनत और लगन से प्रतिक्षा त्रिपाठी ने 2022 के UPPSC PCS में 20 वीं रैंक हासिल की और एसडीएम बनी। उन्होंने अपनी मेहनत का श्रेय पिता को दिया है। उनके पिता एक अध्यापक है। प्रतिक्षा त्रिपाठी ने बताया कि उनके पिता जिस विद्यालय में पढ़ाते थे उन्होंने वहां पर 8 वीं तक की शिक्षा अर्जित की है। हाई स्कूल की पढ़ाई उन्होंने जुगुल किशोर इंटर कालेज लहरपुर से की।

*यूपी के सीतापुर छोटे से गांव की रहने वाली है एसडीएम प्रतिक्षा त्रिपाठी*
एसडीएम प्रतिक्षा त्रिपाठी यूपी के सीतापुर के एक छोटे से गांव दुगाना की रहने वाली है। वे 7 भाई बहन हैं। प्रतिक्षा त्रिपाठी अपने सभी भाई-बहनों में से सबसे छोटी है। उनके पिताजी रिटायर्ड अध्यापक रहे हैं। एक छोटे-से गांव से निकल कर अपनी कड़ी मेहनत के बाद जब वो एसडीएम बनी तो उनके गांव में लोगों का खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

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