लखनऊ।
उत्तर प्रदेश एटीएस ने जाली भारतीय मुद्रा की तस्करी में शामिल अंतरराज्यीय गिरोह के एक और शातिर सदस्य अनस अहमद को सीतापुर जिले के सिधौली क्षेत्र से गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता हासिल की है। यह गिरोह नकली भारतीय नोटों की छपाई कर विभिन्न जिलों में आपूर्ति करता था। गिरोह के खिलाफ थाना एटीएस लखनऊ में पूर्व में ही मुकदमा संख्या 07/2025 दर्ज किया गया था, जिसमें मास्टरमाइंड समेत तीन आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। ताजा गिरफ्तारी इसी मुकदमे में नामजद और वांछित अभियुक्त अनस अहमद पुत्र एजाज अहमद निवासी गांधीनगर, थाना सिधौली, जनपद सीतापुर की हुई है, जो गिरोह के संचालन में सक्रिय भूमिका निभा रहा था।
गुप्त सूचना के आधार पर एटीएस की टीम ने अहमदपुर जट मार्ग, सिधौली से अनस को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान उसके पास से कुल 1,05,000 रूपये की जाली भारतीय मुद्रा बरामद की गई, जिसमें 30,600 रूपये के नकली नोट (500 रुपये के 22 नोट, 200 रुपये के 94 नोट, 100 रुपये के 8 नोट), 56,000 रूपये मूल्य की थ्रेड पेपर पर छपी 200 के नकली नोटों की 70 A4 शीटें, तथा 18,400 रूपये मूल्य की 100 के नकली नोटों की 46 A4 थ्रेड पेपर शीटें शामिल हैं। पूछताछ में अनस अहमद ने बताया कि उसे यह जाली नोट बागपत निवासी गजेंद्र यादव ने बिक्री के लिए दिए थे।
एटीएस ने आरोपी को विधिक प्रक्रिया के तहत न्यायालय में प्रस्तुत कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। यह गिरफ्तारी न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में जाली मुद्रा की अवैध गतिविधियों के नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। एटीएस अब गिरोह के अन्य सहयोगियों और लिंक को खंगालने में जुटी है, ताकि इस अवैध कारोबार की जड़ तक पहुँचा जा सके।