बीएसपी सुप्रीमो ने प्रेस वार्ता में केंद्र और राज्य सरकारों पर साधा निशाना
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने आज राजधानी लखनऊ में एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता की। उन्होंने भारतीय संविधान की मूल भावना से हो रहे कथित छेड़छाड़, आरक्षण व्यवस्था पर संकट और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों को लेकर केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों को घेरा।
मायावती ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने सत्ता में रहते हुए संविधान के साथ खिलवाड़ किया है। दोनों ही दलों ने समय-समय पर अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए संविधान में अनावश्यक बदलाव किए, जिससे देश के करोड़ों गरीब, मजदूर, किसान, महिलाएं, दलित और पिछड़े वर्ग प्रभावित हुए हैं।उन्होंने चेतावनी दी कि यदि संविधान और आरक्षण व्यवस्था में छेड़छाड़ की कोशिशें बंद नहीं हुईं, तो बीएसपी देशव्यापी आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरेगी। उन्होंने यह भी कहा कि “हम बाबा साहेब अंबेडकर के बनाए संविधान की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।” बीएसपी प्रमुख ने RSS द्वारा संविधान की प्रस्तावना से “सोशलिस्ट” और “सेक्युलर” शब्द हटाने की मांग को भी घोर आपत्तिजनक और खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि यह भारत की लोकतांत्रिक और समतामूलक पहचान को खत्म करने की साजिश है।मायावती ने देश में धर्म और जाति के नाम पर बढ़ती हिंसा, महिलाओं की सुरक्षा, मतदाता सूची में अनियमितताओं, और भाषा के नाम पर राजनीति को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से संविधान की मूल भावना के अनुसार काम करने की अपील की।
इसके साथ ही उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। बताया कि बीएसपी पूरे देश में जिला, मंडल और राज्य स्तर पर संगठनात्मक समीक्षा और पुनर्गठन कर रही है ताकि आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में पार्टी मज़बूती से उतर सके।
प्रेस वार्ता के अंत में मायावती ने कहा कि यदि बहुजन समाज के संवैधानिक अधिकारों को छीना गया, तो बीएसपी चुप नहीं बैठेगी। हम संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरेंगे।