बरेली, लखनऊ। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू आज बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के 11वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुईं। सुबह 9:50 बजे त्रिशूल एयरबेस पर पहुंचने पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति का गर्मजोशी से स्वागत किया।
समारोह में राष्ट्रपति ने पीएचडी उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रमाणपत्र और पदक प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने संस्थान की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि 1889 में स्थापित यह संस्थान देश की पशु चिकित्सा और अनुसंधान क्षेत्र की रीढ़ बन चुका है। उन्होंने वैक्सीन विकास, पेटेंट्स और अनुसंधानों की विशेष रूप से सराहना की।राष्ट्रपति ने कहा कि टीकाकरण बीमारी की रोकथाम का सबसे प्रभावी उपाय है, और इस क्षेत्र में IVRI ने उल्लेखनीय कार्य किया है।” उन्होंने वन हेल्थ की अवधारणा पर बल देते हुए कहा कि “मानव, पशु, वनस्पति और पर्यावरण परस्पर जुड़े हुए हैं और इनके समन्वय से ही सतत विकास संभव है।उन्होंने टेक्नोलॉजी की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि “जीनोम एडिटिंग, एम्ब्रियो ट्रांसफर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा एनालिटिक्स जैसी आधुनिक तकनीकों से पशु चिकित्सा क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए जा सकते हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी समारोह को संबोधित करते हुए IVRI की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि “कोविड-19 महामारी के दौरान IVRI ने दो लाख से अधिक परीक्षण कर प्रदेश सरकार की मदद की थी।” मुख्यमंत्री ने लंपी बीमारी से संबंधित अनुभव साझा करते हुए बताया कि संस्थान द्वारा विकसित वैक्सीन के प्रयोग से इस गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म किया गया।मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि आपका शोध और सेवा मूक प्राणियों के लिए जीवन रेखा बन सकती है।राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री दोनों ने छात्राओं की बढ़ती भागीदारी की सराहना की और कहा कि यह पशु चिकित्सा क्षेत्र के लिए शुभ संकेत है।