लखनऊ, उत्तर प्रदेश।
विशेष पुस्तकालय संघ, मैकलीन, वर्जीनिया (अमेरिका) एशियाई समुदाय (एसएलए-एशिया) का आठवां अधिवेशन यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट कार्लोस, तालम्बन परिसर सेबू सिटी, फिलीपींस में दिनांक 22से 24 फरवरी 2023 को आयोजित हुआ I जिसमें विश्व समुदाय से लगभग तीन सौ पुस्तकालय पेशेवरों ने भाग लिया I इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) लखनऊ, उत्तर प्रदेश से प्रो. एम.पी. सिंह को शोध पत्र प्रस्तुति के लिए आमंत्रित किया गया I
प्रो. सिंह वर्तमान में विशेष पुस्तकालय संघ, (एसएलए) एशिया कम्युनिटी 2023-25 के लिए अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए हैं I
इस सम्मेलन में प्रो. सिंह ने शोध पत्र “कोविड-19 के दौरान हाईफ्लेक्स लर्निंग में विशेष पुस्तकालयों की प्रतिक्रिया: उत्तर प्रदेश, भारत के सीएसआईआर संस्थागत पुस्तकालयों का सर्वेक्षण” को प्रस्तुति किया I तथा पेपर प्रस्तुति के दौरान उन्होंने बताया कि कोविड-19 के उपरांत शिक्षा तरीकों में काफी बदलाव आया है जिसका असर पुस्तकालयों पर भी पड़ा है, वर्तमान शिक्षा हाईफ्लेक्स अर्थात ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से होने लगी है, जो छात्र एवं छात्राओं को अवसर प्रदान करती है कि वह किस प्रकार की शिक्षा को चुनना चाहते हैं, जिसके कारण पुस्तकालयों की भूमिका में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ है और वह अपने उपयोगकर्ताओं को उनकी जरूरतों के मुताबिक पठन सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं I प्रस्तुत शोध के माध्यम से यह भी सुनिश्चित कराया गया कि ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों तरीकों की सुविधाओं में संतुलन बना रहे, प्रो. सिंह ने यह भी बताया कि हाईफ्लेक्स शब्द वर्तमान समय में काफी प्रचलित है और पुस्तकालयों को उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी सुविधाओं में बदलाव करना चाहिए जिससे वह अपने उपयोगकर्ताओं को अच्छी सेवाएं प्रदान कर सकें तथा यह शोध शीर्षक वर्तमान समय में काफी प्रासंगिक व उपयोगी है।
कार्यक्रम के दौरान प्रो. सिंह ने विशेष पुस्तकालय संघ- एशियाई समुदाय (एसएलए-एशिया) के सदस्यों से भी भेंट की तथा विश्व समुदाय पुस्तकालय पेशेवरों के साथ मुलाकात कर पुस्तकालय के भविष्य निर्माण एवं विकास पर चर्चा काअपना अनुभव साझा किया तथा आने वाली चुनौतियां के बारे में भी एक दूसरे से जानकारी प्राप्त की।
अपने इस शैक्षणिक कार्यक्रम के दौरान प्रो. सिंह ने सिंगापुर के राष्ट्रीय पुस्तकालय तथा फिलीपींस के सन कारलोस विश्वविद्यालय एवं अन्य प्रसिद्ध पुस्तकालयों, संग्रहालय, संस्थानों और प्रसिद्ध स्थलों का भ्रमण भ्रमण कर अद्भुत जानकारी प्राप्त की। इस कॉन्फ्रेंस ने व्यापक तौर पर सोचने का एक नया आयाम प्रदान किया है जो कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। वास्तव में ये कॉन्फ्रेंस वैश्विक बुद्धिमत्ता का प्रतिनिधित्व करता है जो ज्ञान के नये सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन किया है। प्रो. सिंह का यह प्रेजेंटेशन एवं उनका शीर्षक वर्तमान समय में काफी प्रासंगिक व उपयोगी है। प्रो. सिंह ने कहा कि यह उनके जीवन की अविस्मरणीय स्मृति है। प्रो. सिंह ने सुझाव दिया कि वो चाहते हैं कि पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के उभरते पेशेवरों को भी सरकार द्वारा इस प्रकार के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने का मौका मिलना चाहिए।
प्रो. सिंह ने सीएसआईआर के द्वारा प्रदान आंशिक वित्तीय सहायता के लिए महानिदेशक, सीएसआईआर का आभार व्यक्त किया।
अंत में प्रो. सिंह ने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. संजय सिंह का आभार व्यक्त किया की उनके प्रेरणा एवं सकारात्मक सोच से वह इस प्रतिष्ठित सम्मलेन में भाग ले पाए। अंत में उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों एवं विभाग के सभी सदस्यों, शोधार्थियों और अपने पूरे परिवार, विशेष कर माता जी का तहे दिल से आभार प्रकट किया।
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