क़ुरआन-ए-पाक की तालीम हासिल करना हर मुसलमान के लिए जरूरी है। मुसलमानों को चाहिए कि वह अपने बच्चों को क़ुरआन जरूर पढ़ाएं। क़ुरआन पढ़ना और पढ़ाना बहुत सवाब का काम है।मुसलमान क़ुरआन व हदीस की तालीमात के मुताबिक ज़िंदगी गुजारें। तालीम पर मुसलमान ज्यादा ध्यान दें। तालिबे इल्म को चाहिए कि वह लगन के साथ क़ुरआन और दीन की तालीम हासिल कर पूरी दुनिया में इसकी रौशनी फैलाने का काम करें। पाबंदी के साथ नमाज़ पढ़ें क्योंकि नमाज़ हर बुराई से रोकती है। दीन-ए-इस्लाम में आम इंसानों के हुक़ूक के साथ-साथ वालिदैन के हुक़ूक, मियाँ-बीवी के हुक़ूक़, पड़ोसियों के हुक़ूक़ और मज़दूरों के हुक़ूक़ की अदायगी के लिए ख़ास हिदायात जारी फ़रमाई
मज़लूमों का ख़ास ख़्याल रखा गया है। भाईचारगी की दुआ मांगी गई। जलसे में हाजी इनायतुल्लाह खान, हाजी वहाब खान, मैनेजर शम्सुल हक़, मो. सैफ, कलीमुल्लाह हक़, जमीरुल हक़, अब्दुल हक़, रफीकुल हक़, मशहुल हक़, कारी अब्दुलमजिद, मौलाना शब्बीर साहब के साथ तमाम लोग मौजूद रहे व आस पास के गांवो से महिलाओं की भारी भिण देखी गई।
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