विद्या मंदिर में श्रेष्ठ अंक से सफलता अर्जित करने वाले विद्यार्थी पुरस्कृत।
संतकबीर नगर, उत्तर प्रदेश।
कूडीलाल सरस्वती विद्या मंदिर इंटरमीडिएट कालेज खलीलाबाद में वार्षिक परीक्षा फल वितरण एवं प्रतिभा सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन कर किया गया। विद्यालय के बहनों ने सुमधुर स्वर में मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की ।मां शारदे की आराधना के पश्चात विद्यालय के प्रधानाचार्य राकेश अग्रहरी जी ने मंचासीन अतिथि महानुभावों का परिचय कराया ।मंच पर उपस्थित माननीय प्रदेश निरीक्षक राम सिंह जी रहे,पूर्व प्रबंधक सुरेंद्र सिंह, वर्तमान प्रबंधक लक्ष्मण प्रसाद वर्मा पूर्व प्रधानाचार्य गन्ना विकास उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खलीलाबाद संत कबीर नगर,अध्यक्षता शकुंतला जी एवं श्रीमती सोनी सिंह जी की उपस्थिति रही। वार्षिक परीक्षा में कुल 786 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी इसमें 384 छात्रों ने प्रथम स्थान अर्जित किया। 244 छात्रों ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। तथा 52 छात्रों ने तृतीय स्थान प्राप्त किया ।बाल वर्ग में मनीषा यादव ने प्रथम स्थान, सुप्रिया चौरसिया ने द्वितीय स्थान एवं अभिषेक यादव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। किशोर वर्ग में वर्षा वर्मा ने प्रथम स्थान अभिज्ञान मिश्र ने द्वितीय स्थान निलिम्प शुक्ला ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। तरुण वर्ग में अंकिता यादव ने प्रथम ,अर्पिता पांडे ने द्वितीय एवं आँचल चौरसिया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। डॉक्टर सोनी सिंह ने कहा कि यहां शिक्षा के साथ संस्कार पर विशेष बल दिया जाता है। जो छात्र पढ़ाई के साथ संस्कारों पर ध्यान देते हैं उन्हें जीवन में उच्च कोटि की सफलता मिलती है इसमें कोई संदेह नहीं है।”बदल दो जमाना धरा जगमगाओ”प्रेरणा गीत विद्यालय की बहनों ने प्रस्तुत किया ।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता माननीय प्रदेश निरीक्षक राम सिंह जी ने कहा कि इस समय विद्या भारती द्वारा 13000 विद्यालय संचालित हो रहे हैं ।जिसमें 3000000 विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं ।लंबे काल खंडों के पश्चात हमें शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिली है ।अब भारतीयता पर आधारित शिक्षा व्यवस्था अर्थात नई शिक्षा व्यवस्था लागू हुई है जो हम सब के लिए गौरव की बात है।व्यक्ति के जीवन में प्रतिदिन सूर्योदय होता है हमें असफलता से घबराना नहीं चाहिए ।यह बातें शिवानंद जी ने हरिद्वार में डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम से कहा था। जब वे अपने जीवन से निराश हो चुके थे उनकी प्रेरणा से वे दुनिया के एक महान व्यक्ति बन गए ।माता हमारी प्रथम शिक्षिका होती है, दूसरे स्थान पर पिता को गुरु का स्थान प्रदान है ।तथा विद्यालय के शिक्षक आचार्य तीसरे श्रेणी में गुरु के स्थान पर आते हैं ।हमें इन सभी का सम्मान व आदर करना चाहिए ।विद्यालय के पूर्व प्रबंधक श्री सुरेंद्र सिंह ने कहा कि हमें अपने जीवन के निर्माण के लिए जहां से ज्ञान प्राप्त हो उसे ग्रहण करना चाहिए तथा उसका सदुपयोग करना चाहिए ।विद्यालय के वर्तमान प्रबंधक श्री लक्ष्मण प्रसाद वर्मा ने आए हुए अतिथियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की ।कार्यक्रम का संचालन करुणेश मिश्र ने किया।
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