अहमद रजा की रिपोर्ट
महराजगंज। जनपद महराजगंज के निचलौल ब्लाक क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सभा शितलापुर खेसरहा के रहने वाले मुन्ना अंसारी ने एक कार्यक्रम के दौरान रोजा रखने के संबंध मे कुछ बताई कि रोजा रखना शरीअत में मुसलमान का इबादत की नियत से सुबहे सादिक से गुरुब आफताब तक अपने को कस्दन (जानबूझ कर) खाने पीने और जिमा (हमबिस्तर) से बाज़ रखना है
(औरत का हैज़ व निफास से खाली होना शर्त है।)
रोजे के तीन दर्जे है एक आम लोगों का रोज़ा कि यही यानी पेट और शर्मगाह को खाने पीने, जिमा (हमबिस्तर) से रोकना है ,
दूसरा खवास का रोज़ा कि इनके अलावा कान,आँख ज़बान
हाथ, पाँव और तमाम आजा को गुनाहों से बाज रखना है ,
तीसरा खासुलखास का रोजा कि अल्लाह तआला के अलावा तमाम चीज़ों से अपने को पूरी तरह जुदा करके सिर्फ उसी की
तरफ मुतवज्जेह रहना। यह अरबी उर्दू की किताब
बहारे शरीअत हिस्सा,5 सफ़ह,71-73 में दर्ज है। उक्त बातें ग्राम पंचायत के मदरसे पर एक कार्यक्रम के दौरान कही।