*_एक सदाबहार अदाकार संजय महानंद_*
_भोजपुरी सिनेमा जगत में ऐसे तो तमाम हास्य कलाकार हैं जो अपनी अपनी कला कौशल को दर्शकों के बीच बिखेरते रहते हैं लेकिन संजय महानंद गोधना ने दर्शकों के बीच अपनी जो छवि बनाई है उसकी आज कल खूब धूम मची है।_
_भोजपुरी फिल्म राजा बाबू से गोधना को जो प्रसिद्धि मिली वो निरंतर प्रगति के तरफ बढ़ती ही गई।संजय महानंद की जन्मभूमि रायपुर (छत्तीसगढ़) है, इनके में बचपन से ही कला समाई हुई है,नुक्कड़ नाटक से अपने अभिनय की शुरुआत करने वाले संजय महानंद रंगमंच की दुनिया में खूब नाम कमाए।इनको थियेटर का लंबा अनुभव है।_
_वर्ष 2001 से संजय महानंद का सिनेमा जगत के तरफ कदम बढ़ा जो लगातार प्रगति के तरफ बढ़ता ही चला जा रहा है।अभी तक 40 छत्तीसगढ़िया फिल्म और सैकड़ों भोजपुरी फिल्म के अलावा प्रकाश झा की हिंदी फिल्म “चक्रव्यूह”, बंगाली फिल्म “कालो सोना” करने वाले संजय दर्शकों के दिलों में राज करते हैं, फिल्म “भूलन दी मेज” को नेशनल अवार्ड भी मिल चुका है, भोजपुरी की “निरहुआ हिंदुस्तानी”, “राजा बाबू”, “मेहंदी लगा के रखना”, “विवाह वन” और “विवाह टू” जैसी कई सुपर हिट फिल्म करने वाले इस स्टार को अभी तक पांच बेस्ट कॉमेडियन अवार्ड भी प्राप्त हो चुका है, भोजपुरी और छत्तीसगढ़िया भाषा की अनेक फिल्मों में बेस्ट कॉमेडियन और अन्य अवार्ड प्राप्त करने वाले इस अदाकार में कला की बारीकियां कूट कूट कर भरी हुई है, संजय महानंद को सिनेमाई जिंदगी से हट कर देखा जाय तो ये रियल जिंदगी में भी सभी को हंसाते गुदगुदाते रहते हैं, ।_
_आज एक भोजपुरी फिल्म की शूटिंग के दौरान हुए मुलाकात में संजय महानंद उर्फ गोधना ने कहा की बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर आकर बहुत अच्छा लगा यहां के लोग बहुत अच्छे हैं। संजय ने कहा कि जीवन में सफलता का कोई शार्ट कट नही होता, कड़ी मेहनत और अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित और निरंतर अभ्यास यही आप को आपकी मंजिल तक पहुंचाएगी।_