रायपुर छत्तीसगढ़।
क्योंकि हर चीज की सुरुआत राजधानी से होती है।
रायपुर का एक हिस्सा नया रायपुर जो अटल नगर के नाम से प्रसिद्ध है।
वह बहुत ही सुंदरता के साथ बसाया गया है।
नवारायपुर में जंगली जानवरों को सभी सुख सुविधाओं के साथ पर जंगल सफारी का निर्माण किया गया।
बच्चों और लोगो को बहुत आकर्षित करता है।
चलिये अब खबर की तरफ चलते है जंगल सफारी जो जानवरों के लिए बनाया गया है।
जिसमे जानवर तो ठीक है उस जंगल सफारी में अपराधी भी छुपा बैठा हुआ है।
वो भी छोटा मोटा नही बल्कि 8 करोड़ी अपराधी।
वह वन विभाग की पूर्ण शरण लेकर छुपकर बैठा हुआ है और विभाग के लोगो को खबर ही नही है।
वैसे खबर क्यों रहेगी क्योंकि वह विभाग के आला अधिकारियों की आदत बन गई है कि अपने भ्रष्टाचार
कर्मचारियों को बचाने की चाहे वो कैम्पा घोटाला हो चाहे तो मरवाही
चायपत्ती घोटाला हो या मरवाही नेचर कैम्प घोटाला हो जिसको बी.बी.लाइव के चीफ इन एडिटर अब्दुल सलाम कादरी द्वारा
लगातार प्रकाशन करने के बाद भी वन विभाग के आला से आला अधिकारियों के सर में जूँ तक नही रेंगा।
वन विभाग के आला अधिकारी सिर्फ धृतराष्ट्र की तरह आंख बंद करके सिर्फ सुन रहे है करना कुछ नहीं है।
हाल में बने नए वन संरक्षक श्रीनिवास राव तो पुराने खिलाड़ी है।
उन्ही के नजदीक जंगल सफारी का मामला सामने आया है जंगल सफ़ारी में पदस्थ।
डॉ. राकेश वर्मा जो कांकेर में 2006 से 2007 तक जिला पंचायत कांकेर में सहायक परियोजना अधिकारी के तौर पर पदस्थ थे।
इनके द्वारा बहुत ही बड़ा खेला अपने सहयोगी के साथ मिलकर राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी में 8
करोड़ 44 लाख 60 हजार 719 रुपये का किया गया था।
ये सब हमारे पत्रकार एकता संघ रायपुर (छ.ग) के जिला अध्यक्ष श्री अखिलेश तिवारी,जिला मीडिया प्रभारी श्रीमती पूजा शुक्ला जी ने ये न्युज को कवार किया है।