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ग्राम प्रहरियों को वेतन वृद्धि एवं राज्य कर्मचारी, वर्दी,आदि सामान दिये जाने के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री के नाम डीएम को ज्ञापन सौंपा

 संवाददाता शम्सतबरेज खान की रिपोर्ट 

 

महराजगंज।ग्राम प्रहरी चौकीदारों ने भारी संख्या में जिला मुख्यालय पहुंच कर अपनी समस्याओं से जूझ रहे, मामले के सम्बंध में मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के नाम जिलाधिकारी महराजगंज को ज्ञापन सौंपा उन्होंने कहा कि हम समस्त ग्राम प्रहरी (ग्रामीण चौकीदार) जनपद महराजगंज के तरफ से अनुरोध है कि राज्य विधि आयोग के तरफ से माननीय मुख्यमंत्री जी को हम ग्राम प्रहरियों के सम्बन्ध में राज्य कर्मचारी या अस्थायी से स्थायी करने का जो निवेदन किया गया है उस आदेश को प्रभाव से लागू किया जाय। हम ग्रामीण चौकीदार को ब्रिट्रिश जमाने 1873 से आज तक अंग्रेजों का बनाया नियम लागू किया जा रहा है। पुलिस रेगुलेशन के नियम में हम पुलिस के अंग है। लेकिन मुझे लाल साफा दिया जाता है जैसे कि बहुत सी राजनीतिक पार्टिया लाल गम लगा रहे जिसने हमारा क्या पहचान है कि हम ग्रामीण पुलिस है या पुलिस के अंग है। इस नियम को संसोधन या परिवर्तन करते हुए हम ग्राम प्रहरी लोगों को खाकी वर्दी, पैन्ट शर्ट, लाल टोपी, जूता बेल्ट पियनो नम्बर (ग्राम पुलिस या ग्राम प्रहरी लिखा हुआ वाय आदि मुहैया कराया जाय, जिससे हम जनता के नजर में पुलिस के अंग के रूप में देखे जा सकें। थाने पर जी०डी० द्वारा ड्यूिटी लगाने का आदेश लागू किया जाय। इस मंहगाई के दौर में हम ग्राम प्रहरी लोगों को मात्र 2500/- (दो हजार पांच सौ रूपया) वेतन दिया जा रहा है जिससे हम सबकी आर्थिक स्थिति खराब हो गया है। वर्ष 2014 में लोक सभा चुनाव के समय में राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह बनारस में कहे थे कि केन्द्र में भाजपा सरकार बनेगी तो 18,500/- (अठ्ठारह हजार पांच सौ रूपया) दिलाने का कार्य करेगें। और 6 माह बाद राज्य कर्मचारी अस्थायी से स्थाई आदेश जारी करा देंगे। हम सभी लोगो सन 2014 से आज तक कुछ नहीं हुआ।

 

उ0प्र0 पुलिस रेगुलेशन के अध्याप 9 पैरा 91, 93, 94 तथा अधिनियम 1873 धारा के अनुसार गांव में चौकसी निगरानी (24 घंटे) का प्रावधान है जो कि चौकीदार करता है तथा महीने में दो दिन थानों में सूचना देने का प्रावधान है, उसके स्थान पर चौकीदार दो दिन के बजाय महिने में चार व पांच दिन थानों में उपस्थित होकर 12 से 14 घंटों ड्यूटी भी करता है। जब पुलिस रेगुलेशन के अनुसार थानों पर उपस्थित होने का मुख्य कर्तव्य सूचना देने का है एवं चौकीदार गांव में 24 घंटों निगरानी करते है जिसके कारण हम दूसरे प्रदेशों व अन्य जगह जाकर कार्य नहीं कर पाते है फिर भी कुछ अधिकारियों द्वारा कहा जाता है कि इन लोगों को पांच दिन का वेतन ही मिलना चाहिये जो वेतन है ठीक है जो वह इस शब्द को कहते है मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि जो विधायक या जनप्रतिनिधि चुनाव जीत कर जाते है वह जितने दिन विधानसभा में रहते है उसी दिन का वेतन देना चाहिये जब वह क्षेत्र में आ जाये तो उन्हें उस समय का वेतन नहीं देना चाहिये यही न्याय संगत है। लेकिन अंग्रेजों के इस नियम को परिवर्तन करते हुए 6 से 8 घंटों की प्रतिदिन की नियमित डियूटी आदेश जारी किया जाय।

चौकीदारों ने ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से कहा कि

चौकीदारों के भाग्य विधाता के रूप में व गुण्डा राज भयमुक्त समाज की स्थापना करने वाली भारती जनता पार्टी की सरकार केन्द्र और प्रदेश में है। हम चौकीदार ग्राम प्रहरी को थानों में दास्ता व बेगार से मुक्त कर वेतन वृद्धि करके आत्म निर्भर बनाना जनहित में आवश्यक है।

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