फूल माला के साथ अंधेरी से सिफ्ज जाने वाली बस की अंतिम बिदाई
मुंबई
आज से 33 साल पहले 1990 के दशक में किसी भी हिंदी फिल्म में जब मुंबई का ओपनिंग सीन दिखाया जाता था, तब सीएसएमटी के सामने से गुजरती हुई बेस्ट की डबल डेकर बस जरूर आती थी। डीजल से चलने वाली बेस्ट की डबल डेकर बसें मुंबई की पहचान हुआ करती थीं, आज से सड़कों पर नहीं दिखेंगी। गुरुवार को आगरकर चौक से सीप्ज स्टेशन तक चलने वाली रूट क्रमांक 415 की बस अंतिम डीजल डबल डेकर बस थी। इस बस में सवार होने वाले लोगों ने तस्वीर के रूप में अपनी यादों को मोबाइल कैमरों में कैद किया और एक लंबी सांस भर बस से उतर गए। आखिर 86 साल से इन डबल डेकर बसों ने मुंबईकरों के दिलों में घर बनाया हुआ था।
90 के दशक में बेस्ट के पास करीब 900 डबल डेकर बसें हुआ करती थीं। एक जमाना था, जब बेस्ट की बसों में लोकल ट्रेनों से ज्यादा यात्री सवारी करते थे। इस साल की शुरुआत में बेस्ट के पास केवल 50 बसें बची थीं। बसों का लाइफ स्पैन खत्म होने के कारण इन्हें फेज आउट करना ही था। अब इनकी जगह नई एसी डबल डेकर बसें आ चुकी हैं।
अलविदा मेरे दोस्त।तुम बेस्ट के सबसे बेस्ट बस हुआ करते थे।तुम्हारी जगह कोई नहीं ले सकता।।तुम्हारी यादें हमेशा आती रहेगी।।
दिसंबर 1937 से शुरू हुई बेस्ट की डबल डेकर बस को लोगों ने बहुत पसंद किया था। और ये देश की शान मानी जाएगी
अब मुंबई में इलेक्ट्रिक एसी डबल डेकर बस ही चलते हुए दिखाई देगी जिसकी सर्विस फ़िलहाल बहुत कम है इसे धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा
मुंबई की आइकॉनिक बेस्ट डबल डेकर बस अब बस इतिहास का एक हिस्सा बनकर रह जाएगी, जिसे करोडो लोगों की यादें जुड़ी होंगी।