शम्सतबरेज खान की रिपोर्ट
महराजगंज ।उत्तर प्रदेश के जनपद महराजगंज के जिला संयुक्त चिकित्सालय के डाक्टर वैभव श्रीवास्तव जनरल फिजीसीएन ने बताया कि एड्स (AIDS) की खोज सर्व प्रथम भारत में सन 1986 में पहला केस पाया गया था। तब से उक्त बिमारी बहुत तेजी से फैला उन्नीसवीं दसक से यह वायरस बहुत तेजी से मिलने लगे थे। यह खतरनाक बिमारी प्रायः बन्दरों में पाया जाता है।
डाक्टर वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि एड्स एक खतरनाक बीमारी है जो किसी भी शख्स को हो सकती है आज भी इससे पीड़ित लोगों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है लोगों में इसे लेकर जागरुकता की कमी है जिसके बारे में जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।
हर साल 1 दिसंबर को लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है एड्स HIV वायरस से इन्फेक्शन की वजह से होता है. इस बीमारी से इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है।जिसके वजह से बिमारियों से बचाव नहीं कर पाते है इस बीमारी से जुड़े टैबू को दूर करने के लिए वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है।उन्होंने यह भी कहा कि
लोगों में एड्स के बारे में जानकारी देने के लिए वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है।एड्स को लेकर हमारे समाज में कई मिथक हैं। जिनके बारे में लोगों को काफी कम जानकारी है।एड्स कैसे फैलता है इससे बचाव के तरीके, इसके टेस्ट, इससे जुड़े मिथक आदि के बारे में इस दिन जानकारी देने की कोशिश की जाती है।यहां तक की लोगों में एचआईवी पॉजिटिव लोगों को लेकर भी कई गलत अवधारणाएं होती हैं। इस दिन उन्हें भी दूर करने की कोशिश की जाती है।
इस साल इसकी थीम लेट कम्यूनिटीज लीड है। एड्स जैसी खतरनाक बीमारी से बचाव के तरीकों से लोगों को जागरूक करने के लिए ये थीम रखी गई है। साथ ही अब तक समाज में दिए योगदान की सरहाना करने के लिए ये थीम हैं।
यूएन ने पिछले दिनों संक्रमित की संख्या की रिपोर्ट जारी की थी जिसकी हेडलाइन बनी थी कि साल 2030 के आखिर तक एड्स को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है।लेकिन यह तभी पोसिब्ल है, जब एड्स के खात्मे के लिए काम कर रहें संस्थाएं, जिन्हें मान्यता नहीं मिली है और जो फंड की कमी से जूझ रहे हैं, उन्हें जल्द जरूरी मदद पहुंचाई जाए ताकि बचाव हेतु कड़े कदम उठाए जायं।डाक्टर वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि एड्स होने पर यह बुखार में तब्दील हो जाता है एड्स के मरीजों को बुखार व खांसी होने पर डाक्टर से परामर्श लेना चाहिए एड्स की रोकथाम के लिए यौन क्रिया के समय कन्डोम का प्रयोग करें सुई लगवाते समय नई डिस्पोजल का प्रयोग करें रक्त आधिकृत लैब से ही खरीदें दलालों से सावधान रहें।