वित्तमंत्री के शहर में प्रशिक्षण के नाम पर एसबीआई आरसेटी में उड़ाईं जा रही धज्जियां
-वित्तमंत्री सीतारमण के आगमन केे बाद भी नाबार्ड व एनआरएलएम द्वारा संचालित महिलाओं व युवतियों को प्रशिक्षण में भी भारी गोलमाल
-प्रक्षिक्षु खुद अपने जुबानी दे रहे उपेक्षा की गवाही, केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री के जिले में बैंकों ने उड़ाई योजना की खुलेआम धज्जियां
महराजगंज।
भारत सरकार के वित्तमंत्री सीतारमण का जनपद आगमन हो रहा है। हर कोई इस प्रयास में जुटा नजर आया कि कही भी कोई कमी नजर न आए। बैंकों की चमचमाती साइन बोर्ड इस बात की गवाही दे रही है कि बैंकों द्वारा योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंच रहा है। लेकिन अंदर कुछ और बाहर कुछ वाली यहां कहावत चरितार्थ होते दिख रही है। इसी बीच न्यूज की टीम गुरूवार को लीड बैंक के बिल्डिंग में संचालित आरसेटी प्रशिक्षण केन्द्र पहुंची। जहां महिलाओं व युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा था। लेकिन यहां प्रशिक्षण में अजीबोगरीब स्थिति नजर आई। टीम ने सीधे प्रशिक्षण ले रही प्रक्षिशुओं से बात की। यहां बैंकों के अधिकारियों व आरसेटी के डायरेक्टर की पोल खुल गई।
समय दोपहर दो बजे थे। आरसेटी के एक कमरे में सिंलाई टेलरिंग के लिए 26 प्रशिक्षु प्रशिक्षण लेते नजर आए। टीम के वहां पहुंचते ही अफरा-तफरी का माहौल बन गया। प्रशिक्षुओं से प्रशिक्षण में मिलने वाले सुविधाओं को कुरेदने की कोशिश की गई। प्रशिक्षुओं ने कहा कि यहां न तो मीनू के हिसाब से भोजन मिलता है और न ही नाश्ता। सिलाई के लिए मात्र छह मशीन मिला है। उसमंे से एक सिंलाई मशीन कई महीनों से खराब पड़ा है। सिलने वाले कपड़ा, सुई, धागा सहित अन्य सभी सामान अपने घर से लाया जाता है। वहीं पास में रखे तीन-चार पुड़िया और कुछ सब्जियां मनमानी की गवाही देते नजर आई। पास के एक कमरे में बेतरतीब रखी प्लास्टिक की कुर्सिया प्रशिक्षण की पोल खोल रही थी। जबकि नियम है कि इनके लिए राईटिंग चेयर होने चाहिए।
यहां बता दें कि गुरूवार को भोजन व जलपान मीनू के हिसाब से एक दिन में जलपान एवं भोजन के लिए चाय, अरहर की दाल, विभिन्न प्रकार की सुखी सब्जी, रोटी, चावल, मिठाई, आचार, सलाद, विस्किट या समोसा आदि देने का प्राविधान था। लेकिन मौके पर कुछ नजर नहीं आया। खुद प्रशिक्षुओं ने संवाददाता को बताया कि यहां सिर्फ कहने के लिए सब कुछ उपलब्ध है पर मिलता कुछ नही है। महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए एसबीआई आरसेटी द्वारा विभिन्न विषयांे पर समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाता है।
देश के पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ का सपना है कि इन कार्यक्रमों के जरिए महिलाओं व युवतियों को हुनरमंद बनाया जाए। इसकों योजना को सकुल संचालित करने के लिए मुख्य रूप से एसबीआई बैंक, आरसेटी एनजीओ, एनआरएलएम, नाबार्ड, डूबा विभाग की महत्पूर्ण भूमिका होती है। स्टेट स्तर पर इनकी निगरानी के लिए लोकल हेड आफिस आफ एसबीआई लखनउ को जिम्मेदारी दी गई। जिले स्तर पर मानिटरिंग के लिए लीड बैंक जिला प्रबंधक को जिम्मेदारी सौंपी है। लेकिन यहां न तो कोई जिम्मेदार इनकी सटीक निगरानी करता है और न ही कोई इस संबंध में बताने की कोशिश। भारत सरकार द्वारा संचालित योजना सिर्फ महराजगंज में बेमानी साबित हो रही है।
एसबीआई आरसेटी निदेशक राजेश कुमार ने बताया कि अभी तीन महीने से वेंडर बदला गया है। इसलिए व्यवस्था में थोडी दिक्कत आई। उन्होंने अन्य सवालों पर चुप्पी साध गए। इस संबंध में लीड बैंक के जिला प्रबंधक अमरेन्द्र मौर्य ने बताया कि यह शिकायत पहली बार मिली है। इसकी जांच कराकर लापरवाह लोगो के खिलाफ कार्रवाई होगी।