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महाराजगंज

चौदहवीं पुण्यतिथि पर शहीद बीर विजय कुमार को नम आंखों से दी गई श्रद्धांजलि 

 

महराजगंज:-ठूठीबारी कस्बा निवासी शहीद वीर विजय कुमार की 14 चौदहवीं पुण्यतिथि के अवसर पर वीर शहीद के चित्र पर उनकी पत्नी सब इंस्पेक्टर सुनीता देवी ने पुष्प माला अर्पित करते हुए नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद तमाम लोगो की आंखे नम थी पर लोगो को शहीद की कुर्बानी पर फक्र महाशूस हो रहा था। इस मौके पर सीआरपीएफ हेड क्वार्टर से आए इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार पांडेय ने शहीद की पत्नी को शाल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान पंचायत भवन के समीप शहीद की स्मृति में बनाए गए स्मारक पर पहुंच शहीद परिवार के साथ सैकड़ों लोगो ने उनको भाव भीनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस दौरान वीर शहीद विजय अमर रहे के नारों से गूंज उठा। इस अवसर पर वीर शहीद के राधा कुमारी इंटर कालेज के रिटायर्ड शिक्षक पिता महेश प्रसाद, बड़े भाई ग्राम प्रधान अजय उर्फ अजीत कुमार, शहीद विजय के पुत्र दीक्षांत कुमार, रमेश चौधरी, संतोष पाण्डेय, व्यापार मण्डल अध्यक्ष दिनेश रौनियार,सीआरपीएफ के

उपनिरीक्षक बिरेंद्र कुमार पाण्डेय,एसएसबी सहायक उपनिरीक्षक बाबुल शर्मा, अजित प्रधान,पवन कुमार,अजय कुमार, विपिन कुमार,ममराज सिंह, विपुल चन्द्रा,सहवाज अहमद,राकेश धाकड़,मोहर्रम, सोमनाथ, एसआई अरुण चौधरी, एसआई अनुराग पांडेय, एसआई विक्की कुमार आदि लोग मौजूद रहे।

 

छ जुलाई वर्ष 2010 के नक्सली हमले में शहीद हुए थे वीर शहीद विजय कुमार

 

कस्बे के राधा कुमारी इंटर कालेज के रिटायर्ड व्यायाम शिक्षक महेश प्रसाद के तीन पुत्रों में सबसे छोटे विजय का जन्म एक जनवरी 1981 को हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा राधा कुमारी इंटर कालेज में हुई।विजय कुमार ने 2006 में सीआरपीएफ में सर्विस ज्वाइन किया। इस दौरान उनकी कई जगह पोस्टिंग हुई। 2010 में जब उनकी पोस्टिंग छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में हुई तो एक बार होली की छुट्टी में अपने घर ठूठीबारी आए थे। तब वह अपने दोस्तों से छत्तीसगढ़ के ड्यूटी की यादें वहां के हालात बताकर जाना नहीं चाहते थे। उनके बताए अनुसार वहां हर पल खतरा था कोई सुरक्षित नहीं था लेकिन छुट्टियां खत्म होते ही 62 वी बटालियन में लौट गए। छः जुलाई 2010 को छत्तीसगढ़ दंतेवाड़ा के ताड़मेटला और चिंतलनार के जंगल में परिचालन ड्यूटी के दौरान नक्सली हमले के अंधा धुंध फायर में 75 जवानों के साथ शहीद हो गए। इस हमले में माओवादी के आठ नक्सली भी मारे गए थे। यह आज तक का सबसे बड़ा नक्सली हमला रहा है। वह अपने पीछे पत्नी सुनीता और एक चार वर्षीय पुत्र छोड़ गए थे। वर्तमान में उनकी पत्नी सुनीता अजमेर में सब इंस्पेक्टर के पद पर सीआरपीएफ में नौकरी कर रही है।वहीं लड़का दीक्षांत 18 वर्ष का हो चुका है।

इस मौके पर शहीद के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया। इस अवसर पर सहायक विनय पांडेय, संतोष पांडेय, रमेश चौधरी, आशुतोष,अवधेश निगम, वेद प्रकाश पांडेय, जोखू खरवार, बबलू , नरसिंह राहुवंश, मनोज गौंड, पन्नालाल वर्मा, आदि लोग मौजूद रहे।

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