संवाददाता: प्रदुमन कुमार, लखनऊ
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के विधि विभाग में भारत में नए आपराधिक कानून में परिवर्तन: आपराधिक न्याय प्रणाली का एक नया युग विषय पर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन हुआ।कार्यक्रम के पहले दिन मुख्य अथिति के रूप में प्रो. बलराज चौहान, राज्य परिवहन अपीलीय न्यायाधिकरण, लखनऊ के अध्यक्ष अरविंद मिश्रा मौजूद रहे। प्रो. बलराज चौहान ने न्यायशास्त्र की बुनियादी बातों, कानूनी ढांचे और कानून की ऐतिहासिकता को छूते हुए नए न्यायिक अधिनियमों की समझ और कार्यान्वयन में प्रस्तावना के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इसे न्यायिक प्रणाली के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ कहा।
सेमिनार के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस लखनऊ के निदेशक डॉ. जी. के. गोस्वामी , एडीजी/यातायात एवं सड़क सुरक्षा डॉ. बीडी पॉलसन, और बीबीएयू डीन अकादमिक अफेयर्स प्रो. विक्टर बाबू मौजूद रहे। डॉ. गोस्वामी ने बताया की हमें आज विधि को फॉरेंसिक साइंस से जोड़ना होगा विधि से जुड़े लोगों को विज्ञान की तथा कानून की जानकारी साथ में होनी चाहिए तभी हमारा कानून जनता को असल मायने में न्याय दिला पाएगा।बीडी पालसन ने बताया कि कैसे नया कानून पुलिस के साथ साथ जनता के लिए भी मदादगार तभी साबित होगा जब सभी विभाग के लोग अपना काम ईमानदारी से करेंगे।विधि विभागाध्यक्ष सुदर्शन वर्मा , प्रदीप कुमार, डॉ. अनीश के साथ विभाग के प्राध्यापक के साथ छात्र चित्रांशु भास्कर, उत्पल प्रताप, अभीजीत तिवारी, कमल नयन, विशाल पटेल, निखिलेश के साथ सैकड़ो छात्र मौजूद रहे।