*नशीले इंजेक्शन के साथ ठूठीबारी व पीपीगंज का रहने वाला युवक चढ़े पुलिस के हत्थे
महराजगंज:-भारत नेपाल बार्डर से सटे बरगदवा पुलिस, स्वाट टीम व एसएसबी जवानों की संयुक्त टीम को बड़ी कामयाबी मिली है। एक लक्जरी कार सहित प्रतिबंधित नशीली दवाओ के साथ दो शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसमे एक ठूठीबारी व पीपीगंज का निवासी है। पुलिस ने दोनों अभियुक्तों के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेज दिया है। सूत्रों की माने तो अवैध दवा कारोबार में संलिप्त और सक्रिय दो सदस्यों की गिरफ्तारी होने के बाद कई अन्य तस्कर सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर होंगे।
मिली जानकारी के अनुसार बार्डर एरिया में अवैध तस्करी के विरुद्ध प्रभावी रोकथाम के क्रम में बरगदवा पुलिस, स्वाट टीम व 22वी बटालियन एसएसबी जवानों की संयुक्त रूप से चेकिंग पर थे। इसी बीच दौरान मुखबिर के सूचना पर संयुक्त टीम ने क्षेत्र चकरार एसएसबी रोड के समीप एक संदिग्ध स्विफ्ट डिजायर कार यूपी 53 डीक्यू 1247 रोककर तलाशी ली तो भारी मात्रा में अवैध नशीली इंजेक्शन 499 एम्पुल डायजेपम, 500 एम्पुल प्रोमेन्थोजाइन, 523 एम्पुल ब्यूरोनार्फिन, 484 अदद एनआरएक्स रैपर, दो अदद मोबाइल फोन, एक एटीएम कार्ड व 140 रुपए नगद भी बरामद हुआ। इसके साथ ड्रग्स कारोबार में संलिप्त दो तस्कर क्रमश: इरशाद अली पुत्र स्व० आबिद अली निवासी सड़कहवा थाना ठूठीबारी व सन्नी जयसवाल पुत्र अजय जयसवाल निवासी नगरपंचायत पीपीगंज निवासी वार्ड संख्या तीन आजाद नगर थाना पीपीगंज जनपद गोरखपुर को गिरफ्तार किया है। बताया गया की उपरोक्त प्रतिबंधित दवा पीपीगंज से लाकर नेपाल राष्ट्र भेजे जाने की योजना थी।
गिरफ्तारी व बरामदगी करने वाली संयुक्त टीम में देवेंद्र सिंह, धीरेंद्र मिश्रा, राजवीर पाठक, दीपक सिंह, हृदय यादव, एसआई राजीव कुमार तिवारी, राजेश यादव, पवन कुमार, एएसआई दिलीप सिंह, जीडी शंभू कुमार, धनंजय कुमार शामिल रहे है।
इस संबंध में एसओ स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया की ड्रग्स कारोबार में संलिप्त दो तस्करों को नशीली दवाओं के साथ गिरफ्तार किया गया है। जिसके विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट तहत मुकदमा दर्ज कर चालान कर दिया गया है।
*नेपाल होती है दवा की खपत, मास्टरमाइंड सुरक्षा एजेंसियों के पकड़ से दूर:*
नशीले दवा के साथ दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई, लेकिन सूत्रों की माने तो आसपास के कुछ ऐसे युवा है जो इस अवैध ड्रग्स कारोबार का मास्टरमाइंड है, और वह सुरक्षा एजेंसियों के पकड़ से दूर है। वैसे तो सीमावर्ती क्षेत्रों में नशीली दवाओं का कारोबार पांव पसार चुका है। नशे की लत में फंसे युवाओं की बढ़ती मांग की वजह से दवाओं की खपत नेपाल में बढ़ गई है। पुलिस एवं एसएसबी की कार्रवाई से ड्रग तस्करो ने काम का तरीका भी बदल लिया है। अभी तक जहां सुनिश्चित ठिकाने से काम को अंजाम दिया जाता है, तो वहीं अब मोबाइल के भेजे लोकेशन पर दवाओं को पहुंचाया जा रहा है। जिसके बाद नशीली दवाओं को बैग व झोले में छुपा कर पगडंडी रास्तों के जरिए कैरियरो के माध्यम से सीमा पार नेपाल राष्ट्र में पहुंचाए जाते है।